URL Kya Hai, Yeh Kaise Kaam Karta Hai Aur Kisi Bhi Blog Ke Liye URL Kaise Choose Karein?

इंटरनेट की दुनिया अपने आप में ही बहुत ज़्यादा ब्रॉड या बड़ी है। इंटरनेट पर असंख्य वेबसाइट्स मौजूद हैं जिनके माध्यम से हमें विभिन्न जानकारियां प्राप्त होती हैं। इन वेबसाइट्स के जाल के द्वारा ही इंटरनेट की दुनिया चलती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इंटरनेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वेबसाइट्स हैं लेकिन वेबसाइट्स का सबसे अहम हिस्सा क्या होगा? दरअसल हर वेबसाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसे हम URL के नाम से जानते हैं।

यूआरएल/URL एक एड्रेस के तौर पर भी जाना जाता है। जी हाँ, किसी भी वेबसाइट पर पहुँचने के लिए हमें उसके URL पर जाना होता है। URL के बिना किसी वेबसाइट की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

किसी भी वेबसाइट का एक निश्चित URL होता है जिसे valid URL भी कहते हैं। ये URL किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग को visitor देता है। इससे वेबसाइट की गूगल पर रैंकिंग भी बढ़ती है। इस प्रकार ये कहा जा सकता है कि किसी भी वेबसाइट का URL उसका महत्त्वपूर्ण भाग होता है। आज के अपने इस लेख में हम URL से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातों की चर्चा करेंगे और हम ये जानेंगे कि URL कैसे बनाया जाता है। तो आइए अपने इस लेख की शुरुआत करते हैं।

यू आर एल क्या है? | What is URL in Hindi?

यदि आप इंटरनेट का उपयोग करते हैं, तो आपको पता होगा की यूआरएल क्या होता है और अगर नहीं पता है, तो इस आर्टिकल में आपको यूआरएल से जुडी सभी जानकारियां मिलेंगी।

Also read: इंटरनेट क्या है? और यह कैसे काम करता है?

बात करें यदि URL की परिभाषा की तो URL किसी भी विशेष वेबसाइट, वेबपेज और डॉक्यूमेंट का एक यूनिक एड्रेस (unique address) होता है। इसका अर्थ यह है कि किसी भी वेबसाइट का एक पता (address) होता है जो इंटरनेट पर मौजूद किसी अन्य वेबसाइट से कभी भी मेल खाता हुआ नहीं हो सकता।

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आपके घर का कोई न कोई एड्रेस होता है. कभी सोचा है की क्यों?

क्योंकि, यह आपकी एक पहचान है. आपके पास कोई पोस्टल आर्डर आता है या आपने फ्लिपकार्ट या अमेज़न से कुछ आर्डर किया तो आप अपना घर का एड्रेस देते हैं, ताकि चीज़ें आपके घर तक पहुँच पायें। बिल्कुल इसी प्रकार इंटरनेट पर हर वेबसाइट का एक एड्रेस होता है. जिसे हम IP एड्रेस भी कहते हैं. यह एड्रेस नंबर की फॉर्म में होता है. जैसे-१६२.१८९.२३.४५।  अब यदि हर वेबसाइट का एड्रेस ऐसा होता मेरा मतलब है की नंबर की फॉर्म में होता, तो मेरे और आपके लिए ऐसे एड्रेस को याद रखना बहुत कठिन हो जाता। तो ऐसे में हमें याद रखना आसान हो, तो इन ip address को एक नाम दे दिया गया. जिसको url कहते हैं. यह यूआरएल हर वेबसाइट का unique होता है.

एक बात और यह जो यूआरएल होते हैं यह सिर्फ हमारे लिए है, लेकिन, कंप्यूटर नेटवर्क में जो भी इनफार्मेशन का आदान-प्रदान होता है , वह ip address की मदद से होता है.

यूआरएल कई प्रकार के होते हैं. इनके बारे में हम आगे समझेंगे। चलिये, हमें यह तो समझ आ गया की यूआरएल क्या होता है, लेकिन क्या आप यूआरएल का पूरा नाम (URL Ka Poora Naam) जानते हैं?

URL का पूरा नाम, यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator) होता है। किसी भी वेबसाइट के URL पर क्लिक करके आप उस वेबसाइट तक पहुँच सकते हैं।

URL के कितने भाग होते हैं

https://www.hindipradesh.com/ यह एक URL है. एक यूआरएल कई चीजों से मिलकर बना है. http या https, यह एक प्रकार का protocol है. जो की यूजर के web browser और server के बीच में होने वाली information के आदान-प्रदान को सुरक्षित रखता है.

:// या / एक seperator है, जो एक भाग को किसी दूसरे भाग से अलग करता है.

www एक subdomain है, इसका उपयोग किये बिना भी यूआरएल को access किया जा सकता है. और hindipradesh एक domain name है.

.com, top level domain (TLD) है. यह domain extension के नाम से भी जाना जाता है. यह कई तरीके होते हैं, जैसे- .org, .gov, .edu, .net, .co.in, .us आदि.

.com domain extension यह बताता है की वेबसाइट एक commercial website है, .edu यह बताता है की यह वेबसाइट किसी educational organization की है. .gov, government website के लिए, .mil, military website के लिए, .org, organizational website के लिए use किया जाता है.

URL का इतिहास | History of URL in Hindi

सर्वप्रथम टिम बर्नर्स ली और उनके सहयोगियों के द्वारा URL को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था। टिम बर्नर्स ली के द्वारा ही डब्लूडब्लूडब्लू अर्थात वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत की गई थी। उसी क्रम में URL टिम बर्नर्स ली और उनके सहयोगियों की दूसरी टेक्निकल खोज थी।

URL किसी भी वेबसाइट को एक यूनीक आइडेंटिटी (unique identity) या विशिष्ट पहचान प्रदान करता है जिससे उस वेबसाइट को सर्च इंजन (search engine) पर आसानी से खोजा व पाया जा सके। यूआरएल/URL का निर्माण एचटीएमएल/HTML व वर्ल्ड वाइड वेब (world wide web) को आपस में जोड़ कर किया जाता है।

URL के कितने प्रकार के होते हैं? | What are the Types of URL in Hindi?

इंटरनेट पर आप URL के माध्यम से किसी भी वेबसाइट को ढूंढ सकते हैं। URL किसी भी वेबसाइट की एक अलग और यूनीक पहचान होती है। URL के कई प्रकार होते हैं। तो आइए देखते हैं कि वे क्या हैं?

एब्सूलूट URL (Absolute URL)

वैसे तो किसी भी वेबसाइट की विशिष्ट पहचान ही URL कहलाती है लेकिन हम वेबसाइट्स के URL को याद नहीं रखते हैं। सामान्यतः हम वेबसाइट या किसी भी वस्तु को इंटरनेट पर सर्च करते हैं और वेब पेज पर हमें रिज़ल्ट के रूप में वेबसाइट तथा उसका URL दिखाई देता है।

हमें इंटरनेट पर उस वस्तु से संबंधित असंख्य वेबसाइट्स दिखाई देने लगती हैं। एब्सॉल्यूट URL दरअसल किसी भी वेबसाइट या वेबसाइट के पेज का एक डायरेक्ट एड्रेस होता है। इसे हम उदाहरण के द्वारा समझ सकते हैं- https://www.xyz.com/2019/url-kya-hai

कई बार ऐसा होता है कि हम किसी विशिष्ट वेबसाइट पर जाना चाहते हैं। ऐसे में हम उस वेबसाइट के URL को search engine bar में paste करके सर्च करते हैं तथा हमें उस वेबसाइट का डायरेक्ट होम पेज (home page) प्राप्त हो जाता है।

रिलेटिव URL (Relative URL)

रिलेटिव URL एब्सॉल्यूट URL को छोटा करके बनाया जाता है। ये किसी भी विशिष्ट वेब पेज के अंदर किया जाता है ताकि उस URL की लंबाई कम करके उसे वेब पेज पर शो किया जा सके। इसके लिए हम कई बार URL Shorten का भी प्रयोग करते हैं, जो URL की length को कम कर देता है.

 वेबसाइट का URL कैसे चूज करें? | How to Choose a URL for Your Blog in Hindi?

यदि आप किसी वेबसाइट को बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो ऐसे में सबसे पहले आपके दिमाग़ में ये बात आती है कि आप उस वेबसाइट के लिए सही डोमेन कैसे चुनें। इसका अर्थ ये है कि आप वेबसाइट के नाम को लेकर काफ़ी ज़्यादा सोच विचार करते हैं। आपके दिमाग़ में कई तरह के सवाल हो सकते हैं जैसे ब्लॉग का URL कैसे चूज (choose) करें या फ़्री डोमेन (free domain) कैसे हासिल करें। ये सारी ही चीज़ें किसी भी वेबसाइट के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।

यहाँ पर हम ये बात भी चाहते हैं कि किसी भी वेबसाइट के लिए उसका URL एक महत्वपूर्ण अंग होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें ये करना ज़रूरी होता है कि हम वेबसाइट के लिए सही URL का चुनाव करें।

अपने ब्लॉग या वेबसाइट के लिए URL चुनने हेतु इंटरनेट पर बहुत सारे डोमेन प्रोवाइडर (domain provider) जैसे- Godaddy, Namecheap आदि उपलब्ध हैं। कुछ तो मुफ़्त में मिल जाते हैं तो वहीं कुछ डोमेन को रजिस्टर करने के लिए हमें पैसा देना पड़ता है। इंटरनेट पर डोमेन लेने के लिए आप सर्च इंजन में डोमेन सर्च कर सकते हैं। इससे आपको URL रजिस्टर करने के लिए डोमेन मिल सकता है।

डोमेन पर क्लिक करके आप अपनी वेबसाइट के नाम से URL बुक कर सकते हैं। इससे इंटरनेट पर आपकी वेबसाइट तथा उसका URL या एड्रेस सुनिश्चित हो जाएगा।

किसी वेबसाइट का URL क्या होता है? | What is the URL of a Website?

जब आप इंटरनेट पर किसी भी चीज़ को सर्च करते हैं तो ऐसे में सर्च इंजन आपको उस चीज़ से संबंधित रिज़ल्ट दिखाता है। ये रिज़ल्ट हेडिंग के रूप में पेज पर उपलब्ध होते हैं जिनके नीचे एक एड्रेस भी लिखा होता है। ये ही उस वेबसाइट का URL होता है।

अपनी वेबसाइट के लिए URL बुक करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है-

किसी भी वेबसाइट का डोमेन URL बुक करने के लिए सदैव अच्छे और भरोसेमंद domain provider को चुनें।

यदि आप फ़्री डोमेन को चुनना चाहते हैं तो ऐसे में उस डोमेन की ऑथेंटिसिटी (authenticity) अवश्य चेक कर लें।

किसी भी वेबसाइट का URL उसके नाम से रजिस्टर्ड (registered) होता है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि आप प्रॉपर रिसर्च (proper research) करने के पश्चात ही अपनी वेबसाइट का नाम सुनिश्चित करें।

URL को choose करते वक्त किसी भी प्रकार के special characters (जैसे- $, #, %, & आदि) और numbers (जैसे- 1, 2, 3 आदि) का प्रयोग न करें।

Domain name जितना छोटा होगा, user द्वारा याद रख पाना आसान होगा।

URL को छोटा कैसे करें? | How to Shorten a URL in Hindi?

एक स्टैण्डर्ड या मानक URL लंबा होता है। हमें अक्सर फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर किसी विशिष्ट वेबसाइट को शेयर करने की आवश्यकता पड़ती रहती है। ऐसे में हम उस वेबसाइट के URL को कॉपी करके अपने सोशल मीडिया अकाउंट के पेज पर पेस्ट करते हैं। बात करें इन URL की तो मानक या स्टैण्डर्ड URL सदैव लंबे होते हैं। ऐसे में इन्हें अपने वेब पेज पर शेयर करते समय ये काफ़ी बड़े दिखाई देते हैं।

ये URL बड़े होने के बावजूद भी सोशल मीडिया पर शेयर तो किए जा सकते हैं लेकिन लोगों का ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित करने के लिए ये URL इतना काम नहीं कर पाते।

सही अर्थो में कहें तो ये बड़े URL देखने में रिलायबल (reliable) नहीं लगते। इस वजह से कई बार लोग इन्हें बिना क्लिक किए ही आगे बढ़ जाते हैं। ऐसे में इन URL को छोटा करने की आवश्यकता पड़ती है। इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट्स मौजूद हैं जो इन URL को छोटा करने की सर्विस उपलब्ध कराती हैं।

वैसे तो URL छोटा करने के लिए अनेक कंपनीज़ काम कर रही हैं लेकिन इनमें सबसे ज़्यादा लोकप्रिय बिट ली (bitly) है।

यदि आप भी वेबसाइट के URL को छोटा करना चाहते हैं तो ऐसे में आप बिट ली की मदद ले सकते हैं। वेबसाइट को छोटा करने की प्रक्रिया निम्नलिखित स्टेप्स के द्वारा पूरी की जा सकती है-

  • इंटरनेट के सर्च इंजन के सर्च बार में भी बिट ली (bitly)लिखें और सर्च करें।
  • वेब पेज पर बिट ली डॉट कॉम के नाम एक वेबसाइट दिखाई देगी। इस वेबसाइट पर क्लिक करें। वेबसाइट के होम पेज पर एक बॉक्स दिखाई देगा।
  • इस बार में जिस वेबसाइट के URL को छोटा करना है उसे कॉपी करके पेस्ट करें।
  • सर्च बार के नीचे शॉर्टेन URL का बटन दिया होता है। इस बटन पर क्लिक करें।
  • आपकी URL को छोटा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और कुछ ही सेकेंड्स में वह URL छोटा हो जाएगा।
  • बॉक्स से आप इस URL को कॉपी कर सकते हैं।

निष्कर्ष

तो ये रहीं URL से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें। हम आशा करते हैं कि हमने इस लेख में URL से संबंधित सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण बातों को आपके समक्ष पेश कर दिया है। उम्मीद है ये लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। लेख से संबंधित सवालों और सुझावों को कॉमेंट बॉक्स में लिख कर हम से शेयर करना न भूलें।

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