माइक्रोप्रोसेसर 8085 का पिन आरेख | Block and Pin Diagram of 8085 Microprocessor in Hindi

आज हम पढ़ेंगे, block diagram and pin diagram of 8085 microprocessor in Hindi. लेकिन उस से पहले हमे पता होना चाइये की 8085 माइक्रोप्रोसेसर क्या है (What is 8085 Microprocessor in Hindi?). आइये, जानते हैं,

8085 माइक्रोप्रोसेसर, 8080 माइक्रोप्रोसेसर का improved version है. जितनी pins 8080 माइक्रोप्रोसेसर में हैं उतनी ही pins 8085 माइक्रोप्रोसेसर में भी हैं. अगर अन्तर है तो वो यह की 8085 माइक्रोप्रोसेसर में RIM और SIM दो instruction हैं लेकिन 8080 माइक्रोप्रोसेसर में नहीं हैं.

8085 माइक्रोप्रोसेसर एक 40 पिन की IC (Integrated chip) है.यह 3 MHz की frequency और +5V की supply पर काम करता है. माइक्रोप्रोसेसर 8085, 1977 में, NMOS technology का प्रयोग करके बनाया गया था. Pin Diagram पढ़ने से पहले हम 8085 माइक्रोप्रोसेसर का Block diagram पढ़ते हैं.

Block Diagram of 8085 Microprocessor in Hindi | 8085 Microprocessor  Architecture in Hindi

नीचे दिए गए चित्र को देखें,

Block Diagram of 8085 microprocessor in hindi
Block Diagram of 8085 microprocessor in Hindi

(1). Register in 8085 Microprocessor 

8085 माइक्रोप्रोसेसर में रजिस्टर कई प्रकार के होते हैं. लेकिन उस से पहले यह समझते हैं की रजिस्टर क्या है? जैसे, हम डायरी में नोट्स लिखते हैं उसी तरह माइक्रोप्रोसेसर में रजिस्टर का प्रयोग भी इनफार्मेशन (Memory Address या Data) को स्टोर करने के लिए किया जाता है.

एड्रेसिंग मोड क्या है और यह कितने प्रकार का होता है?

Branch Instruction क्या है, और यह कितने प्रकार के होते हैं?

Intrinsic Semiconductor क्या है?

A, B, C, D, E, H और L general-purpose 8-bit रजिस्टर है. यह रजिस्टर प्रोग्रामर/यूजर के द्वारा प्रयोग किये जाते हैं. इन  रजिस्टर को हम 16-bit का का इनफार्मेशन स्टोर करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है. आप, सोच रहे होंगे कैसे? आइये, जानते हैं,

Register B और Register C कितने bits का है? दोनों register 8-8 bit के हैं. अगर, register B और register C दोनों को साथ में प्रयोग करें, तो यह 16-bit register की तरह काम करेगा। क्योंकि, हम इन्हें साथ में  प्रयोग करते हैं तो इनको register-pair कहा जाता है. B-C, D-E और H-L register-pair हैं.

ध्यान रहें, B-C, D-E और H-L के अलावा आप अपनी  मर्ज़ी से कोई और register-pair नहीं बना सकते हैं.

W और Z दो 8-bit के ऐसे internal register हैं, जो केवल माइक्रोप्रोसेसर द्वारा ही प्रयोग किये जाते हैं. इन्हें Temporary register भी कहते हैं.

Accumulator एक 8-bit register है और इसे ‘A’ से denote करते हैं.

Program Counter (PC): प्रोग्राम काउंटर next instruction के memory address को अपने पास रखता है. क्योंकि, प्रोग्राम काउंटर मेमोरी के एड्रेस को hold करता है, तो स्पष्ट है की मेमोरी एड्रेस 16-bit का है तो program counter भी 16-bit का होगा।

Stack Pointer (SP): यह Last In First Out (LIFO) के concept को follow करता है. यानी जो data आखिर में जायेगा, वह पहले execute होगा। इसे ऐसे समझिये, plates को जब हम एक के ऊपर एक रखते हैं तो जब हम प्लेट उठाएंगे तो हम वह प्लेट पहले उठाएंगे जो प्लेट आखिर में रखी थी.

Extrinsic Semiconductor क्या है? 

यह 16-bit का रजिस्टर है जो की मेमोरी एड्रेस को स्टोर करता है. यह दो ऑपरेशन्स perform करता है,

(1) PUSH Operation: जब हमें stack में Data डालना होता है तो PUSH का प्रयोग किया जाता है.

(2) POP Operation: जब stack से data निकालना होता है तो POP का प्रयोग किया जाता है.

(2). Arithmetic Logical Unit (ALU)

यह यूनिट arithmetic (addition, subtraction, increment और decrement) और logical ऑपरेशन्स ( like AND, OR, Complement आदि) perform करती है.

Arithmetic और logical operations का आउटपुट accumulator (register ‘A’) में स्टोर होता है.

Instruction Register/Decoder

जब माइक्रोप्रोसेसर किसी भी instruction को memory से fetch करता है तो fetch की गई instruction, instruction register में रहती है.

Instruction Decoder, instruction register में स्टोर  instruction को decode करता है और आगे के process के लिए timing और control unit के पास भेजता है.

Flag Register: 8085 माइक्रोप्रोसेसर में flag register का उपयोग, किसी भी result या output का status जानने के लिए किया जाता है.

यहाँ पर status से मतलब यह है की result/output positive है या negative, ऑपरेशन perform होने के बाद output में carry generate हुई या नहीं आदि.

Flag register में Status Flag पाँच प्रकार के होते हैं-

(1) Carry Flag (CY) (2) Parity Flag (P) (3) Auxiliary Carry Flag (AC) (4) Zero Flag (Z) (5) Sign Flag (S)

(3). Timing and Control Unit

इस यूनिट के नाम को ध्यान से पढ़ें- Timing और control यूनिट शब्द से ही समझ में आता है की यह सभी peripheral, internal और external devices को synchronize करने का काम करती है. कहने का मतलब है की जरूरत पड़ने पर वह एक साथ काम करे.

जिस तरीके से हमारा दिमाग हमारे शरीर के भागों को signal भेजता है, उसी प्रकार, माइक्रोप्रोसेसर में, यह यूनिट भी दुसरे parts को signal भेज काम करवाती है.

Ready, ALE, S0, S1, HOLD, HLDA, RESETIN, RESETOUT, IO/M’ आदि. इन पिनों के बारे में हम Pin Description of 8085 microprocessor में पढेंगे।

Interrupt 

Interrupt क्या है और यह कितने प्रकार का होता है. यह कई प्रकार के होते हैं- Software interrupt, Hardware interrupt, maskable interrupt, non-maskable interrupt, vectored interrupt और non-vectored interrupt.

Serial I/O control 

जब माइक्रोप्रोसेसर को peripheral devices के साथ serial data communication करना होता है, तब इसका उपयोग किया जाता है. Communication SID और SOD पिन के माध्यम से किया जाता है.

Increment और decrement register 

इसका उपयोग रजिस्टर के डाटा को और मेमोरी की पोजीशन को घटाने या बढ़ाने में प्रयोग किया जाता है. यह डाटा या मेमोरी की पोजीशन को एक से बढ़ाता है या घटाता है.

माइक्रोप्रोसेसर 8085 पिन का विवरण हिंदी में (Pin Diagram of 8085 Microprocessor in Hindi) 

Exam में अक्सर पिन diagram पूछ लिया जाता है. हम कोई न कोई पिन भूल जाते हैं. आज हम पिन डायग्राम को इस प्रकार से समझेंगे की हमे रटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।आइये शुरू करते हैं,

Pin Diagram of 8085 Microprocessor in Hindi
Pin Diagram of 8085 Microprocessor in Hindi

हम सभी जानते हैं की microprocessor 8085 एक 40-पिन की IC है. 40 पिन में से 16-पिन तो address और data bus के लिए हैं.

माइक्रोप्रोसेसर 8085 में address-bus 16-bit की और data-bus 8-bit की होती है. अगर, आप चित्र को देखोगे तो आप देखेंगे AD0 से AD तक की pins multiplex (आम बोलचाल की भाषा में mix किया गया है) हैं. यानी AD0 से AD7  को data bus और address bus दोनों की तरह प्रयोग किया जा सकता है.

Aसे Apins Lower address carry करती हैं और Aसे A15 pins higher-order address को carry करती हैं.

क्या कभी सोचा है आपने, ADसे ADpins कब address-bus और कब data-bus की तरह काम करेगी। आखिर, माइक्रोप्रोसेसर को कैसे पता चलता है की ADसे ADpins को address bus की तरह प्रयोग करना है या Data-bus की तरह. यह जानने में हमारी मदद करता है ALE (Address Latch Enable) Pin.

Address Latch Enable (ALE) Pin

ALE एक High-Enable Pin है. इसका यह मतलब  है की यदि इस pin पर ‘1’ भेजा जायेगा, तो माइक्रोप्रोसेसर समझ जायेगा की उसको ADसे AD7 पिन को address-bus की तरह प्रयोग करना है.

IO/M’ (Input/Output or Memory bar)

यदि IO/M’ = 1 है तो माइक्रोप्रोसेसर Input/Output device को enable (active) कर देगा। Devices के active होते ही, या तो data माइक्रोप्रोसेसर को भेजा जा सकता है या उस से लिया जा सकता है.

यदि IO/M’ = 0 है तो माइक्रोप्रोसेसर मेमोरी से communicate करेगा यानी या तो data को मेमोरी में store करेगा या मेमोरी से डाटा लेगा।

RD’ (Read Signal)

जब कभी भी मेमोरी या इनपुट/आउटपुट डिवाइस से डाटा को read करना होता है तो इस signal पर ‘0’ भेजते हैं. यह low enable pin है.

याद रखने योग्य बात: जिन भी सिग्नल्स के ऊपर bar (‾ या ‘ ) होता है वह low enable signal होते हैं. जब आप ‘0’ भेजते हो तो यह माइक्रोप्रोसेसर को बताता है की कौन-सी पिन activate हुई है.

WR’ (Write Signal)

यह भी एक low-enable pin है. यानी जब आपको मेमोरी या इनपुट/आउटपुट डिवाइस पर write operation करना हो तो ‘0’ सिग्नल भेज कर इस पिन को activate किया जाता है. माइक्रोप्रोसेसर write operation perform करता है.

HOLD Pin 

DMA controller, माइक्रोप्रोसेसर को ‘1’ भेज कर यह निर्देश करता है की वह अपने current process को रोके। Data-bus और Address- bus को free कर दे ताकि वह मेमोरी से data को access कर पाये।

HLDA’ (Hold Acknowledgement) 

क्योंकि यह low-enable pin है तो माइक्रोप्रोसेसर ‘0’ भेज कर DMA controller को यह सूचित करता है की HOLD Pin के द्वारा भेजी गई request accept कर ली गई है.

RESETIN’

इस पिन को press करने पर माइक्रोप्रोसेसर में स्टोर डाटा reset हो जाता है. ResetIN पिन एक low-enable pin है.

RESETOUT 

जब इस पिन पर ‘1’ signal दिया जाता है तो माइक्रोप्रोसेसर से जुड़े सभी external devices भी reset हो जाते हैं.

माइक्रोप्रोसेसर दूसरे devices को reset तभी करेगा, जब Resetin पिन को press करके माइक्रोप्रोसेसर को reset किया गया होगा।

Ready

माइक्रोप्रोसेसर से जुड़े slow-peripherals को synchronize करने के लिए इस पिन का प्रयोग किया जाता है.

S0, S

यह status signals हैं, जिनकी मदद से माइक्रोप्रोसेसर 8085 कौन-सा ऑपरेशन perform कर रहा है यह जानकारी मिलती है. नीचे लिखी गई Table को देखें,

SS Operation 
00HALT
01Read
10Write
11Opcode Fetch

SID/SOD

जब कभी भी serial data communication करना होता है, तब इन पिनों को प्रयोग किया जाता है.

SID (Serial Input Data) Pin: जब भी RIM instruction execute होती है, तब data इस पिन से accumulator की 7 bit पर load किया जाता है.

SOD (Serial Output Data) Pin: जब कभी भी SIM instruction execute होती है, तो accumulator की 7 वीं bit पर store data को SOD पिन की मदद से output devices पर भेजा जाता है.

CLKOUT Pin 

इस पिन का उपयोग microprocessor 8085 से जुड़े peripheral devices को synchornize करने के लिए किया जाता है.

TRAP, RST 7.5, RST 6.5 और RST 5.5, INTR (Interrupt Request)

इन पांचों में TRAP एक non-maskable interrupt है. RST 7.5, RST 6.5, RST 5.5 और INTR maskable interrupt है. इन interrupts के बारे में हम अगले article में पढ़ेंगे।

INTA‘ (Interrupt Acknowledgement)

इस पिन का उपयोग माइक्रोप्रोसेसर द्वारा किया जाता है. जब माइक्रोप्रोसेसर को INTR पिन से interrupt request मिलती है और वह इस request को accept कर लेता है. तब वह ‘0’ भेज कर, यह acknowledgement देता है की interrupt request accept कर ली गई है.

Vcc 

माइक्रोप्रोसेसर को operate होने के लिए +5V power supply की जरूरत होती है.

X1, X

इन pins से crystal oscillator जुड़ा होता है. जो की microprocessor 8085 के लिए एक constantly 3 MHz की frequency generate करता है.

आशा है की आपको block diagram और pin diagram of 8085 microprocessor in Hindi अच्छे से समझ आया होगा। अगर, आपका कोई प्रश्न हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में लिखें। आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने friends के साथ शेयर करें।

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