यह आर्टिकल Feelbywords द्वारा लिखा गया है.
“मंगल ग्रह की सैर”( Mangal Grah ki Sair), यह सुनकर तो आप लोगों को बहुत हँसी आ… रही होगी. परंतु इस कल्पना को वास्तविक रूप देने के लिए पृथ्वी पर एक व्यक्ति इस काम में लग गया है,
यदि आपको यह मज़ाक लग रहा है तो मैं आपको बता दू यह कोई मज़ाक नहीं है. बस थोड़ा सब्र रखिए आपको आगे उस व्यक्ति का नाम भी बताएंगे, परंतु पहले आप मुझे यह बताइये की यदि आप कही घूमने जाते है तो क्या आप उस जगह जाने का रास्ता पता करते है या नहीं? या बस ऐसे ही निकल पड़ते है.
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इसी प्रकार यदि आप मंगल ग्रह जाना चाहते है तो आपको वहां जाने के रास्ता तो अवश्य पता होना चाहिए ना!
यदि आप सोच रहे है की मंगल ग्रह जाने का रास्ता आप Google Maps पर देख लेंगे तो आप गलत है!
इस छोटे से व्यंग के लिए मैं आपसे क्षमा चाहता हूँ. परंतु, यदि आपको अपने इस सपने को पूरा करना है तो आपको मंगल ग्रह के बारे में संक्षिप्त जानकारी (Short Information About Mars Planet in Hindi) होना अत्यंत आवश्यक है | चिंता मत कीजिए यह जानकारी आपका ज्यादा समय नहीं लेगी और अत्यंत संक्षिप्त होगी | इस जानकारी के तुरंत बाद हम आपको मंगल ग्रह लेकर जाने वाले उस व्यक्ति का नाम भी बताएंगे, कुछ जानकारी मंगल ग्रह के बारे में
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Short Information About Mars Planet in Hindi
Earth se mangal ki duri: मंगल ग्रह पृथ्वी से लगभग ५.५ करोड़ KM की न्यूनतम दूरी पर है. पृथ्वी से मंगल ग्रह पर जाने में १५०-३०० दिन का समय लगेगा ,परंतु यह समय यानों की गति पर निर्भर करता है.
सौर मंडल में मंगल ग्रह सूर्य से चौथे स्थान पर है और आकार में सातवें क्रमांक का बड़ा ग्रह है. इसकी आभा रक्तिम है. इस ग्रह की मिट्टी का रंग लाल है. इसका लाल रंग, Iron Oxide की अधिकता के कारण है. मंगल ग्रह प्राचीन काल से ही मानव का ध्यान आकर्षित करता रहा है.
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वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया की मंगल भी हमारी पृथ्वी की तरह एक ठोस ग्रह है. यहां की जमीन पर मैदान, पहाड़ और घाटियां है. मंगल की भौगोलिक स्थिति काफी अच्छी है किसी अन्य ग्रह की तुलना में काफी कुछ पृथ्वी जैसा ही है. यही कारण है की पृथ्वी के बाद मंगल ग्रह पर ही जीवन की संभावना देखी जाती है.
चन्द्रमा के अलावा मंगल अकेला ग्रह है जिस पर मानव निर्मित यान पहुंच पाया है. भविष्य में कुछ प्रयोग करने के बाद वहां मानव जीवन सम्भव होगा और सिर्फ यही ग्रह होगा, जहां भविष्य में जाने के बारे में सोचा जा सकता है. क्योंकि बाकी ग्रह में बुध सूर्य के काफी नजदीक है ,इस कारण वहां गर्मी बहुत है. शुक्र ग्रह अभी हमारी पहुंच से काफी बाहर है, क्योंकि वह संपूर्णता गैस से बना हुआ और उसके ऊपर हमेशा Acid की बौछार होती रहती है. इसलिए वह विकल्प ही नहीं है. गुरु और शनि ये भी गैस से बने हुए है, और चन्द्रमा पर मंगल से भी कम संसाधन है.
इसी कारण से हमने आपके सैर और रहने के लिए मंगल ग्रह को चुना है. अब आप जान चुके है की आप आखिर रहने जा कहा रहे है, तो चलिए अब आपको बताते है की आखिर कौन लेकर जा रहा है आपको मंगल ग्रह?
वह व्यक्ति है अमेरिका का ‘एलॉन मस्क’(Elon Musk). हजारों वर्षों में क्रांति लाने वाला एक व्यक्ति पृथ्वी पर जन्म लेता है. ‘एलॉन मस्क’ एक ऐसा ही व्यक्ति है. मंगल ग्रह पर जीवन और बस्ती बनाई जाए ऐसा ‘एलॉन मस्क’ का सपना है.
लेकिन यह होगा कैसे ?
इसके लिए एलॉन ने पूरा नियोजन कर रखा है. एलॉन मस्क ने साल २००२ में ‘Space X’ नाम की कंपनी बनाई। अपने सपने को साकार करने के लिए इस कंपनी ने पूरे विश्व में पहला ऐसा Rocket बनाया जिसे फिर से उपयोग में लाया जा सकता है. अब आप सभी के मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा की,
आखिर इस सपने को साकार करने के लिए ,मंगल ग्रह को ही क्यों चुना गया, किसी और ग्रह को क्यों नहीं? मंगल ग्रह का तापमान कितना है? क्या इस तापमान पर रहा जा सकता है? …………………. इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानते है आगे
एलॉन के मुताबिक – आकार में मंगल ग्रह पृथ्वी से आधा है. इस ग्रह का तापमान -60 Degree Celsius इतना रहता है. परंतु इसे गर्म किया जा सकता है.
एलॉन के मुताबिक, मंगल ग्रह के दोनों ध्रुव पर यदि Atomic Bomb के विस्फोट किए जाए तो, उन ध्रुवों के बर्फ में फसा हुआ co2 बाहर आ जाएगा। जिससे Green House Effect तैयार होगा और तापमान बढ़ेगा। चलिए अब मंगल ग्रह को आपने गर्म तो कर लिया परंतु अब प्राण वायु कहा से लाएंगे?
मंगल ग्रह पर सिर्फ co2 वायु ही है ,यानी की मंगल ग्रह पर जीवन बस्ती बनानी है तो हमें वहां Oxygen निर्मित करनी होगी और मंगल से Rocket की वापसी पृथ्वी पर होने के लिए हमें वहां Rocket का ईंधन बनाना पड़ेगा। एलॉन के अनुसार मंगल ग्रह पर ईंधन बनाना पूर्णता संभव है. चलिए अब मान लेते है यह भी हो गया परंतु पानी का कैसा करें? मंगल ग्रह के जमीन के नीचे पानी है, जो की Borewell’s की सहायता से निकाल सकते है. अब तो पानी का भी बंदोबस्त कर लिया परंतु मंगल ग्रह पर वातावरण नहीं है, तो सूर्य के U.V(Ultra Violet) किरणों से कैसे बचेंगे?
तो इसका भी उत्तर एलॉन ने दिया है, शुरु वात में मंगल ग्रह पर लोगों को गुंबद(Dome) में रहना पड़ेगा या फिर हमें जमीन के अंदर बस्ती करनी पड़ेगी। चलिए, अब तो U.V से भी बच लिए, परंतु मंगल ग्रह पर जाना कितना किफायती होगा?
इस प्रश्न का उत्तर तो हर आम आदमी जानना ही चाहता ही होगा। मंगल ग्रह पर जाना तो हर कोई चाहता है परंतु क्या यह सपना उनके Budget में पूरा होगा?
एलॉन के अनुसार, मंगल ग्रह पर जाने का खर्चा उतना ही होना चाहिए जितने में हम देश की राजधानी में घर ले सके. इस सपने को किफायती बनाने में उन्होंने अपनी पूरी मेहनत लगा रखी है.
चलिए तो अब जान लेते है की मंगल ग्रह पर जाने की प्रक्रिया क्या होगी?
Rocket को सबसे ज्यादा ईंधन पृथ्वी के बाहर जाने में लगता है, इस लिए Rocket का बहुतांश ईंधन पृथ्वी के बाहर जाने में ही खर्च हो जाएगा | इस लिए हमें Rocket को एक से डेढ़ दिन के लिए पृथ्वी की कक्षा में ही भ्रमण करने के लिए छोड़ना पड़ेगा | उसी काल में Rocket का पिछला Reusable हिस्सा पृथ्वी पर वापस आकर सामने की यात्रा के लिए लगने वाला ईंधन ले जाएगा और Rocket के पिछले हिस्से ने लाया हुआ ईंधन मूल Rocket में भरकर मंगल ग्रह पर जा सकते है. मंगल और पृथ्वी के मध्य में अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण बहुत ही कम ईंधन लगेगा, तो इस तरह आप मंगल ग्रह पर जाने का अपना सपना पूरा कर सकते है |
एक दिन हम सभी इंसानों का मंगल ग्रह जाने का यह सपना निश्चित ही पूरा होगा जरूरत है तो Elon Musk जैसे और लोगों की जो इंसानी जीवन को नए ऊँचाइयों तक ले जाने की इच्छा शक्ति रखते है |
लेखक का परिचय:- यह लेख सौरभ गौरकर द्वारा लिखा गया है. आप इन्हें Facebook पर Follow कर सकते है |
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सौर मंडल के ग्रह दो तरह के होते है:
१} स्थलीय ग्रह ,जिनका तल आभासीय होता है.
२} गैसीय ग्रह , जो अधिक गैस से निर्मित है. पृथ्वी की तरह मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है इसका वातावरण विरल है. मंगलका मौसमी चक्र पृथ्वी के समान है. इस ग्रह पर जीवन होने की संभावना को हमेशा से परिकल्पित किया गया है. सौर मंडल के सभी ग्रहों में पृथ्वी के अलावा ,मंगल को जीवन विस्तार का महत्वपूर्ण विकल्प माना जाता है. मंगल को पृथ्वी से खुली आँखों से देखा जा सकता है. दुनिया को विकसित करने और जीवन को बनाए रखने के लिए इस ग्रह की एक क्षमता है
मंगल यान भारत का प्रथम मंगल अभियान है. मंगल ग्रह पर जीवन खोजने के एक कदम और करीब है नासा, अति प्राचीन नदी खोजने में नासा को कामयाबी मिली। मंगल ग्रह पर जिंदगी बसाने के लिए वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे है.
सूक्ष्म जिव एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर जा सकते है और इस प्रकिया को ट्रांसपर्मिया कहते है. सम्भव हो की मंगल से पृथ्वी तक सूक्ष्म जीवों की यात्रा ऐसी प्रकिया से सम्भव हुई हो.
इसीलिए , यह पूरी तरह सम्भव है की हमारे पुरखे मंगल ग्रह से आए हो. मंगल पर पृथ्वी की भेजी हुई मशीने जल और जीवन खोज ने में व्यस्त है. दिवंगत वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने कहा था की पृथ्वी वासियों को सुरक्षित बने रहने के लिए किसी दूसरे ग्रह पर अपना डेरा डालना होगा। क्या, यह सच होने जा रहा है ?