ECG क्या है? (What is ECG in Hindi?) किसी भी रोगी या व्यक्ति के दिल (heart) की स्थिति (Functioning/Conditioning) को जानने के लिए, डॉक्टर्स द्वारा रोगी का ECG किया जाता है.
क्या आपको ECG का पूरा नाम पता है? ECG ka full form, electrocardiogram है. यह एक प्रकार का graph होता है, जो की voltage और time के बीच में plot किया जाता है और graph प्राप्त करने के इस process को Electrocardiography कहते हैं.
Heart की स्थिति को जानने के लिए electrodes को शरीर पर लगाया जाता है. यह electrodes दिल में होने वाली electrical बदलाव को detect करते हैं. यह बदलाव दिल (cardiac muscle) के सिकुड़ने (depolarization) और फैलने (polarization) के कारण होता है. इस graph की मदद से heart की कई abnormalities को detect किया जाता है.
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इन electrodes को chest की skin पर, arms और legs पर लगाया जाता है. यह process बिल्कुल safe और दर्दरहित है.
इस graph की मदद से यह पता चलता है की एक मिनट में दिल कितनी बार धड़कता है. वैसे नार्मल व्यक्ति का दिल एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है. यदि यह धड़कन 60 से कम और 100 से ज्यादा हो, तो व्यक्ति का heart rate, abnormal consider किया जाता है.
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ECG में तीन मुख्य points होते हैं- P Wave, जो की atria के सिकुड़ने को दर्शाता है, QRS Wave और T Wave, ventricles के सिकुड़ने और फैलने को दर्शाता है.
स्वस्थ व्यक्ति का ग्राफ कुछ इस प्रकार का दिखाई (चित्र देखें) देता है.
यदि हृदय में कोई परेशानी या दिक्कत है, तो ग्राफ का pattern बदल जाता है. Electrocardiograph को measure करने के लिए जिस machine का उपयोग किया जाता है, उसे electrocardiogram कहते हैं.
ECG कितने प्रकार की होती है? | Types of ECG in Hindi
ECG तीन प्रकार की होती है;
1) Resting ECG in Hindi
इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह graph तब लिया जाता है, जब रोगी या व्यक्ति आरामदेह की अवस्था में होता है.
2) Stress or Exercise ECG in Hindi
यह ग्राफ तब लिया जाता है, जब व्यक्ति या रोगी व्यायाम (Exercise) करता है. जैसे- बाइक या treadmill आदि पर exercise करते समय.
3) Ambulatory ECG in Hindi
इस प्रकार की ECG में रोगी और व्यक्ति को portable ECG machine कमर पर पहना दिया जाता है. इस मशीन के साथ व्यक्ति अपना रोज का सारा काम कर सकता है. इस Process की मदद से व्यक्ति की heart activity दो या उससे अधिक दिनों तक monitor की जाती है?
ECG क्यों किया जाता है?
ECG का उपयोग हृदय/दिल से जुडी हुई कई प्रकार की समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है.
- दिल का दौरा पड़ना (Heart Attack)
- दिल की धड़कन का अचानक से बढ़ना (Heart Beat)
- सीने में अचानक से दर्द उठना (Chest Pain)
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
- उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
- सांस लेने में परेशानी
ECG टेस्ट कराने से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए?
ECG टेस्ट करवाने से पहले आपको कुछ चीज़ों का ध्यान रखने की जरूरत है;
(1) शरीर पर या chest के आस-पास किसी भी प्रकार की क्रीम/चिकनाई युक्त पदार्थ या लोशन न लगायें।
यदि आपने अपने शरीर पर कोई तैलीय पदार्थ लगा रखा है, तो electrodes में लगा जैल (Gel) शरीर पर ठीक से चिपकता नहीं है. फलस्वरूप, ECG wave ढंग से detect नहीं होती है.
(2) ध्यान रखें कि ECG कराने वाले व्यक्ति ने पैरों में मोजे न पहन रखें हों.
(3) ऐसे कपड़े पहनें, जिन्हें आसानी से उतारा जा सकता है.
(4) यदि आप ECG के लिए जा रहे हैं, तो ठंडा पानी न पियें और न ही व्यायाम (Exercise) करें। ऐसा करने से heart beat तेज होती है और ECG Wave का पैटर्न गलत आ सकता है.