बिजली घर (Power House) से घरों तक, जो धारा (current) मिलती है, वह A.C. (alternating current) होती है. लेकिन, हमारे घरों में जो उपकरण (Appliances) प्रयोग किये जाते हैं, जैसे- टीवी, वाशिंग मशीन, फ्रिज आदि, इन सभी उपकरणों को D.C. (Direct current) की आवश्यकता होती है. बल्कि, हमारे मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप आदि को भी चार्ज होने के लिए D.C. की जरूरत होती है.
आज की date में लगभग हर electronic और electrical device को operate होने के लिए Direct current की ही जरूरत होती है. अब प्रश्न यह उठता है की हमारे घरों में आ रही है, altaranating current (ac), लेकिन, हमारे उपकरणों को जरूरत है, direct current की. तो इसका क्या solution है? इसका solution है, Rectifier, जिसे हिंदी भाषा में ‘दिष्टकारी’ भी कहते हैं.
हमारे electronic gadgets या Adapter और Charger आदि में rectifier का प्रयोग किया जाता है. जो alteranating current को direct current में बदल देता है.
Capacitor को भी चार्ज होने के लिए DC की जरूरत होती है. Electrolysis process में भी DC की आवश्यकता होती है.
Table of Contents
Rectifier Kya Hai? | What is Rectifier in Hindi?
PN junction diode का उपयोग करके किसी भी ac वोल्टेज या करंट को आसानी से dc वोल्टेज या करंट में बदला जा सकता है. जब डायोड, बैटरी से forward bias में connect होता है, तब वह electric current के flow को allow करता है, और जब वह बैटरी से reverse bias में connect होता है, तब डायोड current को flow होने से रोकता है. साधारण भाषा में, diode, current के flow को एक particular direction में allow करता है. शायद, इस गुण की वजह से डायोड को rectifier की तरह प्रयोग किया जा सकता है.
Rectifier एक ऐसा device है, जो AC को DC में बदलता है.
उम्मीद है आप सबको समझ आ गया होगा की rectifier kya hai और rectifier ka karya क्या है? आइये, जानते हैं की Rectifier कितने प्रकार के होते हैं?
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Rectifier Kitne Prakar Ke Hote Hain? | What are the Types of Rectifier in Hindi?
रेक्टिफायर दो प्रकार के होते है,
1. Half-Wave Rectifier
i. Positive Half-Wave Rectifier
ii. Negative Half-Wave Rectifier
2. Full Wave Rectifier
i. Center-Tap Full-Wave Rectifier
ii. Bridge Full-Wave Rectifier
Half-Wave Rectifier Kya Hai? | What is Half-Wave Rectifier in Hindi?
Half-Wave Rectifier को अर्द्ध-तरंग दिष्टकारी भी कहते हैं. यह प्रत्यावर्ती धारा (alternating current) की धनात्मक साइकिल (positive cycle) या ऋणात्मक साइकिल (Negative cycle) को pulsating दिष्टधारा (DC) में बदल देता है.
यह भी दो प्रकार के होते हैं
(a) Positive half-wave rectifier
(b) Negative half-wave rectifier
Half-Wave Rectifier Kaise Kaam Karta Hai? | Working of Positive Half-Wave Rectifier in Hindi
धनात्मक अर्ध-तरंग दिष्टकारी को बनाने के लिए, स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर, एक डायोड और resistive लोड की जरूरत पड़ती है. स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर (Step-down Transformer), उच्च (high) ac वोल्टेज को low वोल्टेज में बदल देता है. यही वोल्टेज (Vs) डायोड (D) पर apply की जाती है.
जब AC वोल्टेज की positive-cycle आती है, तब diode (D) forward bias हो जाता है. मतलब, यह की डायोड एक closed switch की तरह काम करता है, और धारा यानी current (I) प्राप्त होती है.
और जब AC वोल्टेज की negative-cycle पर डायोड (D) reverse bias हो जाता है। हमे जानते हैं की, जब डायोड reverse bias होता है, तब वह एक open switch की तरह काम करता है, और हमे धारा (current) नहीं मिलती है.
Negative Half-Wave Rectifier Kaise Kaam Karta Hai?| Working of Negative Half-Wave Rectifier in Hindi
ऋणात्मक अर्द्ध–तरंग दिष्टकारी (Negative Half-Wave Rectifier), alternating current (AC) के negative half-cycle को pass करता है, और positive half-cycle को block करता है. नीचे दिए गए चित्र में डायोड की position को देखें,
जब positive half-cycle apply की जाती है, तब Diode (D) reverse bias condition में काम करता है. फलस्वरूप, धारा (I) नहीं मिलती है. क्योंकि, reverse bias condition में डायोड एक open-स्विच की तरह काम करता है.
Negative half-cycle पर, Diode (D) forward bias हो जाता है और एक closed switch की तरह काम करता है. जिस से धारा (I) प्राप्त होती है।
Characteristics of Half-Wave Rectifier in Hindi
(1) Peak Inverse Voltage of Half-Wave Rectifier in Hindi
यह एक ऐसी निश्चित वोल्टेज होती है, जिस पर डायोड ठीक से काम करता है. यदि apply की गई वोल्टेज, PIV से अधिक है, तो हो सकता है की डायोड destroy हो जाये।
PIV = Vsmax
(2) DC Current
इसे average DC output current भी कहते हैं.
Idc = Imax /π
हम जानते हैं की, π = 3.14
Idc = Imax / 3.14 = 0.318 Imax
जहाँ, Imax = peak current या maximum current है
(5) Output DC Voltage
हमे पता है की rectifier AC को pulsating DC में बदलता है. इससे यह तो स्पष्ट है की, resistor RL के across हमे pulsating DC output मिलता है,
Ohm law के अनुसार, Vdc = Idc . RL = Vsmax . RL
(4) Root Mean Square of Output Current
Irms = Imax /2
(4) Root Mean Square of Output Voltage
Vrms = Vsmax /2
(5) Form Factor of Half Wave Rectifier
RMS वैल्यू और DC वैल्यू के अनुपात को form factor कहते हैं. इसे Kf से दर्शाते हैं.
Kf = RMS value/ DC value = Irms/Idc = 1.57
(6) Peak Factor
Peak value और rms value के अनुपात को peak factor कहते हैं. इसे Kp से दर्शाते हैं.
Kp = Peak value/RMS value = Imax / Irms = 2
(7) Rectification Efficiency of Half Wave Rectifier
आउटपुट DC पावर और इनपुट AC पावर के अनुपात को Efficiency कहते हैं. इसे η से दर्शाते हैं.
η = आउटपुट DC पावर / इनपुट AC पावर
हाफ वेव रेक्टिफायर की efficiency 40.6% होती है.
(8) Ripple Factor of Half Wave Rectifier in Hindi
हम पढ़ चुके हैं की half-wave rectifier AC वेव को DC में बदल देता है. हमे जो DC आउटपुट wave मिलती है वह पूरी तरीके से DC नहीं होती है. उसमे कुछ AC components भी होते हैं. उनको हम ripples कहते हैं.
इन ripples को हटाने के लिए capacitor और inductor filters का प्रयोग करते हैं.
आउटपुट DC वेव में कितने ripples मौजूद हैं, इसे हम ripple factor की मदद से measure कर सकते हैं.
यदि ripple factor ज्यादा है तो इसका मतलब है की आउटपुट वेव में ripples ज्यादा हैं और अगर ripple factor कम है तो इसका मतलब है की आउटपुट DC वेव में ripples कम हैं.
Ripple Factor (ϒ) = [(Vrms/Vdc )2 – 1 ]1/2
Vrms और Vdc का मान रखने के बाद प्राप्त ripple factor की value,
ϒ = 1.21
एक अच्छा rectifier बनाने के लिए जरूरी है की ripple factor कम से कम हो. जितना कम ripple factor होगा। आउटपुट DC वेव उतनी ही सीधी (straight) होगी।
रेक्टिफिएर डायोड की एक application है, तो जरूरी है की आपको डायोड के बारे में पूर्ण जानकारी हो.
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