आज हम Encoder और Decoder के बारे में अच्छे से समझेंगे। लेकिन, उस से पहले जरूरी है की आप logic gates और number system के बारे में जानते हों.
Digital Electronics के क्षेत्र में Encoder और Decoder दोनों ही बहुत important role play करते हैं. यह data या किसी भी information को एक form से दूसरे form में convert करते हैं.
Decoder or Encoder दोनों का उपयोग communication system like telecommunication में किया जाता है. Transmitter side पर Encoder का और reciving side पर decoder का.
Encoder, किसी भी data या information को encrypt (original information को एक code की form में convert करना) करता है, और Receiver side पर Decoder, data या information को decrypt (डाटा की coded form को decode करके original data/information में बदलता) करता है.
आज इस article में हम समझेंगे की Encoder Kya Hai? यह कितने प्रकार के होते हैं और साथ ही इनकी applications के बारे में समझेंगे।
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Encoder Kya Hai? | What is Encoder in Hindi?
यह एक combinational circuit है. जो binary information यानी 2n input lines को n output lines में बदलता है.
Encoder में एक ही समय पर एक ही input line activate (high) रहती है, और उसी के आधार पर output produce होता है.
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कई लोगो का प्रश्न होता है की एनकोडर में इनपुट और आउटपुट line कितनी होंगी, यह कैसे पता चलेगा? मान लीजिये, हमे एक ऐसा encoder बनाना है, जिसमे 8 इनपुट लाइन्स हैं, तो हम कैसे मालूम करेंगे की इसमें कितनी आउटपुट लाइन्स होंगी?
8 = 2n
23 = 2n
n = 3
यानी 8 input lines के encoder में 3 output lines होंगी।
Encoder कितने प्रकार के होते हैं? | Types of Encoder in Hindi
Digital electronics में encoder कई प्रकार के होते हैं,
- 4 to 2 Line Encoder or 4:2 Encoder
- 8 to 3 Line Encoder or 8:3 Encoder
- Decimal to BCD Encoder
- Priority Encoder
1) 4:2 Encoder
इस encoder में 4-input lines (I0, I1, I2, I3) और 2-output lines (E0, E1) होती है. ध्यान रखने योग्य बात यह है की एक time पर एक ही input-line active यानी high होती है.
4 to 2 Encoder Truth Table
I0 | I1 | I2 | I3 | E0 | E1 |
1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 1 |
0 | 0 | 1 | 0 | 1 | 0 |
0 | 0 | 0 | 1 | 1 | 1 |
आइये, अब truth-table की मदद से output E0 और E1 के expression निकालते हैं. Truth-table से देखें की, E0 में ‘1’ कब आया, ट्रुथ-टेबल से पता चलता है की ‘1’ तब आया, जब I2 और I3 input-lines ‘1’ थी. तो E0 की equation कुछ इस प्रकार है,
E0 = I2 + I3
इसी प्रकार, E1 = I1 + I3, क्योंकि, जब I1 और I3 थे, तभी output E1 भी ‘1’ आया.
आइये, E0 और E1 की equation को OR logic gate मदद से implement करते हैं.
2) 8:3 Encoder
यह एनकोडर, octal to binary encoder भी कहलाता है. इसमें 8-input lines (I0, I1, I2, I3, I4, I5, I6, I7) और 3-output lines (E0, E1, E2) होती है.
इस encoder में भी एक समय पर एक ही इनपुट लाइन active यानी high (‘1’) होती है.
8 to 3 Encoder Truth Table
I7 | I6 | I5 | I4 | I3 | I2 | I1 | I0 | E2 | E1 | E0 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 1 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 |
0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 1 |
0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 |
0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 1 |
0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 1 | 0 |
1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 1 | 1 |
जैसा की 4: 2 Encoder में आपने equation find out की बिल्कुल वैसे ही Truth table को देखें और बताएं की output line Eo कब ‘1’ हुयी?
यह तब ‘1’ हुयी, जब input line I1, I3, I5, I7 ‘1’ थे.
Eo = I1 + I3 + I5 + I7
इसी प्रकार, E1 में आउटपुट ‘1’ तब मिला, जब I2, I3, I6, I7 input-line ‘1’ थे. E2 में output ‘1’ तब मिला, जब I7, I5, I6, I4 input lines active थी.
E1 = I2 + I3 + I6 + I7
E2 = I4 + I5 + I6 + I7
आइये, अब इन प्राप्त expressions को OR gate की मदद से implement हैं.
3) Decimal to BCD Enocder
इस एनकोडर के नाम से समझ में आता है की इसमें 10 इनपुट lines और 4-आउटपुट lines होती हैं. हर एक इनपुट line एक डेसीमल डिजिट को और 4 आउटपुट line BCD Code को represent करती है. यह Encoder, decimal data को BCD form में code करता है.
Truth Table of Decimal to BCD Encoder
I9 | I8 | I7 | I6 | I5 | I4 | I3 | I2 | I1 | I0 | E3 | E2 | E1 | E0 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 1 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 |
0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 1 |
0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 1 | 0 |
0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 1 | 1 |
0 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 |
1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 1 |
अब हम output lines E0, E1, E2, और E3 के expression को truth-table की मदद से लिखते हैं. हम Truth-table से समझ सकते हैं की E0, E1, E2 और E3 आउटपुट lines तब active यानी high (‘1’) हुयी, जब E0 (I1, I3, I5, I7, I9), E1 (I2, I3, I6, I7), E2(I4, I5, I6, I7), E3 (I8, I9) input lines active यानी ‘1’ थी.
E0, E1, E2 और E3 के expression,
E0 = I1 + I3 + I5 + I7 + I9
E1 = I2 + I3 + I6 + I7
E2 = I4 + I5 + I6 + I7
E3 = I8 + I9
ऊपर लिखे गए expressions को OR gate की मदद से implement करें।
4) Priority Encoder
Normal Encoder की तरह Priority Encoder भी कई प्रकार के होते हैं,
- 4 is to 2 priority encoder
- 8 is to 3 priority encoder
- 16 is to 4 priority encoder
जैसा की priority encoder के नाम से ही स्पष्ट है की इसमें information lines यानी input lines की एक priority होती है. जैसे- 4 × 2 encoder में, 4 input lines (I3, I2, I1, I0) और 2 output lines होती हैं.
अब इन information line या input line में सबसे ज्यादा priority I3 की और सबसे lowest priority I0 की है. कहने का मतलब यह है की अगर I3 और I2 दोनों data-input lines ‘1’ और I1, I0 ‘0’ है, तो output code जो produce होता है, वह I3 के according generate होता है. क्योंकि, I3 की priority I2 से ज्यादा है.
बिल्कुल, इसी प्रकार यदि I2, I1, I0 lines ‘1’ है, तो output I2 line के अनुसार ही produce होगा, क्योंकि, I2, I1,और I0 में सबसे highest priority I2 की होती है.
Truth Table of 4 to 2 Priority Encoder
I3 | I2 | I1 | I0 | E1 | E0 | I |
0 | 0 | 0 | 0 | X | X | 0 |
0 | 0 | 0 | 1 | 0 | 0 | 1 |
0 | 1 | 1 | X | 0 | 1 | 1 |
0 | 1 | X | X | 1 | 0 | 1 |
1 | X | X | X | 1 | 1 | 1 |
K-Map का प्रयोग कर output lines E0 और E1 के expression drive करेंगे। जहाँ पर ‘X’ (don’t care condition) इस प्रकार का symbol है, जिसमें ‘0’ और ‘1’ दोनों आते हैं.
E1 = I2 + I3
इस truth-table में जहाँ-जहाँ ‘X’ है, वहां एक बार ‘1’ और एक बार ‘0’ रखेंगे। फिर K-Map में उसी हिसाब से मान रखेंगे। जिस प्रकार, E1 का expression drive किया है, उसी प्रकार E0 का expression भी निकालेंगे।
E0 = I3 + I1.I2‘
इन प्राप्त expression को OR gate की मदद से implement करते हैं.
Priority Encoder का क्या utilization है?
1) यह अस्पष्टता है की normal encoder में इनपुट 0 होने पर आउटपुट zero के बराबर कैसे हो सकते हैं.
2) एक से ज्यादा इनपुट high यानी ‘1’ होने पर भी output प्राप्त होता है, जो की एक incorrect output होता है. ऐसे में priority encoder इस समस्या का अच्छा हल है.
Applications of Encoder in Hindi
Encoder का उपयोग कई applications में किया जाता है,
1) Automatic health monitoring system
2) Electronics and medical industry
3) Speed Synchronization
4) Home automation system
5) Robotics Vehicle
6)Night vision flying camera
एनकोडर और डिकोडर में क्या अंतर है? | What is the difference between Encoder and Decoder in Hindi?
S.No. | Encoder | Decoder |
1. | Encoder किसी भी original information को code की form में convert करता है. | Decoder, प्राप्त coded data को original data form में convert करता है |
2. | इसमें 2n input signal होते हैं. | इसमें n input signal होते हैं. |
3. | इसमें n आउटपुट lines होती हैं. | जबकि डिकोडर में 2n output lines होती हैं. |
4. | इसकी designing में OR gate, basic element होता है. | इसकी designing में AND और NOT gate basic element होते है. |
5. | इसका उपयोग email, video encoder आदि में किया जाता है. | माइक्रोप्रोसेसर, मेमोरी chips आदि में decoder का उपयोग किया जाता है. |
6. | कम्युनिकेशन सिस्टम में एनकोडर हमेशा trasmitting end पर लगाया जाता है. | जबकि decoder को receving end पर लगाया जाता है. |